Tuesday 4 June 2019

मृत्यु अटल सत्य है।



#अंतिम_यात्रा_का_क्या_खूब_वर्णन_किया_है.....
    #था मैं नींद में और. 
मुझे इतना
सजाया जा रहा था....

बड़े प्यार से
मुझे नहलाया जा रहा
था....

ना जाने
था वो कौन सा अजब खेल
मेरे घर
में....

बच्चो की तरह मुझे
कंधे पर उठाया जा रहा
था....

था पास मेरा हर अपना
उस
वक़्त....

फिर भी मैं हर किसी के
मन
से
भुलाया जा रहा था...

जो कभी देखते
भी न थे मोहब्बत की
निगाहों
से....

उनके दिल से भी प्यार मुझ
पर
लुटाया जा रहा था...

मालूम नही क्यों
हैरान था हर कोई मुझे
सोते
हुए
देख कर....

जोर-जोर से रोकर मुझे
जगाया जा रहा था...

काँप उठी
मेरी रूह वो मंज़र
देख
कर....
.
जहाँ मुझे हमेशा के
लिए
सुलाया जा रहा था....
.
मोहब्बत की
इन्तहा थी जिन दिलों में
मेरे
लिए....
.
उन्हीं दिलों के हाथों,
आज मैं जलाया जा रहा था!!!

👌 लाजवाब लाईनें👌
 इस दुनिया मे कोई किसी का हमदर्द नहीं होता,
लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हैं।

"और कितना वक़्त लगेगा"

2 comments:

  1. आदरणीय सर , जीवन के अंतिम सत्य को अद्घतित करती मर्स्पर्शी रचना | ये पंक्तियाँ सचमुच लाजवाब हैं --
    इस दुनिया मे कोई किसी का हमदर्द नहीं होता,
    लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हैं।
    "और कितना वक़्त लगेगा"
    पर एक दिन जाने वाला भी उन अपनों में ही शामिल होता है | सादर शुभकामनाएं|

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