Sunday 26 May 2019

इंसानियत हुआ तार तार

#चिलचिलाती_धूप_बूढ़ी_दादी_मैं_औऱ_इंसानियत
ये बूढ़ी दादी अपने परिवार को चलाने के लिए इस बूढ़ी अवस्थाएं में भी कड़ी धूप में सड़कों पर लोगों से मदद मांग रही है ।

अपने परिवार के लिए ,  इनके बच्चों ने उनको अलग कर दिया है ।
साथ में टूटी झोपड़ी और उस झोपड़ी में तन्हाई और केवल इनके पति(दादा) रहते हैं ,दादा को दिखता नहीं।
दादी माँ घर से बाहर आती है, लोगों से अपील करती है ,मांगती है, जो कुछ मिलता है ।

उसको ले जाकर अपने और दादा के लिए बनाती है और खाती हैं। ज़िंदगी इनकी चल रही है उनकी हड्डियों में जान नहीं है।

 लेकिन जिनके हौसलों में अभी उड़ान है ।उनका हौसला कम नहीं है इस कड़ी धूप में लोग बाहर निकलने से घबरा रहे हैं। लेकिन यह इसी धूप में लोगों से मदद मांग रही हैं अपने परिवार के लिए और इन को देख कर आगे बढ़ जा रहे हैं ।किसी ने इतनी कोशिश भी नहीं की की धूप में क्या कर रही है ।
आपको क्या चाहिए  ?
कहां गया #मानवता_इंसानियत_खत्म_हो_गया_या_मर_गया।

 जैसे मैं बीएचयू अस्पताल से पढ़ कर आ रहा था ।देखा चिलचिलाती धूप में एक किनारे हल्की सी छांव के पास बैठी एक बूढ़ी महिला। चेहरे कुछ रुवास हुए थे ,और मन उदास था।

 मैंने पूछा दादी क्या हुआ ?उन्हें अपनी भाषा में कहां। #बचवा_भूख_लगल_हौ।

मैंने कहा आप यहां क्या कर रही है ?

उन्होंने कहा पेट की खातिर आल है ,बुढ़ऊ के लउकत नाही हमार बच्चा लोग झगड़ा करके हम के घर से बाहर हम लोग के बाहर कर देले हउअन हमलोग टूटल झोपडी में रहिला।भगवान क जब बुलाहट आ जा तब हम लोग चल जाएब।
 मैंने कहा खाना खायँगी ?
उन्होंने कहा हां बाबू भूख तो बहुत लगल हौ।
 मैं उनको अपने घर पर लेकर आया खाना खिलाया ।उनसे बात करने पर पता चला उनके घुटने में चोट लगा है।चोट लगने के बावजूद वह अपने परिवार और बची जिंदगी को चलाने के लिए इस तरीके से लोगों के सामने हाथ फैला रही है।
आखिर कंहाँ गया इंसानियत 50rs का खाना खिलाने से कोई गरीब नही हो जाता।ऐसे लोग दिखे तो अवश्य उनसे एक बार बात करे।
#जय_ईसानियत_जय_मानवता
8799572994

2 comments:

  1. Sarahniya kadam
    Dadi dada ki prblm khatam ho
    Salute...hunger hero

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  2. बहुत बढ़िया

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